गुरुवार

मधेपुरा पहली नज़र में

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कोसी नदी

- संतोष सिन्हा

कोसी नदी बहुत पुरानी है
लेकिन इसका नया पानी है
इसके ही तेज से है
जनपद हमारा जगमग
और इसके बल से
खेती है किसानी है
कोसी नदी ---

बरसात के मौसम में
बन जाती काली कोसी
करती विनाश लीला
आजाता सुनामी है
कोसी नदी---

उत्तर से उत्तरती है
पर्वत के शिखर से
पत्थर से पिघलती
उग्र धारा हिमानी है

कोसी नदी बहुत पुरानी है
लेकिन नया इसका पानी है ।

- लक्ष्मीपुर मोहल्ला , मधेपुरा , बिहार
मोबाइल -09334984895

साहित्य मधेपुरा में

सुबह का इंतजार कर

- भूपेंद्र नारायण " मधेपुरी"

कोसी तट पर
मछेरे सूरज ने
किरणों के जाल को समेट कर
अपने घर की राह ली
सुबह का इन्तिज़ार कर

उसी तट पर बच्चे जब
बालू के घरोंदे बनाकर
खेलने आयेंगे
अपनी गायों-बच्च्रों को साथ लेकर
चराने निकलेगा जब कोई कन्हैया

बंद परे जल पर
पानी के इंतजार में
खरी हो कर परोसिनो की कुछ
रहस्यमय बातें फुसफुसाकर
बतियाने के लिए उत्सुक होंगी
दो परोसिने ।

मुंडेर पर मुर्गे देंगे बांग कौए अपनी उपस्थिति को
कांव - कांव कर दर्ज कराएँगे
और मन्दिर में बजेंगे शंख
तभी कोई बच्चा / जवान फुल तोरने घुस आयेगा
परिसर में दबे पाँव ।
लिंक एक्सप्रेस सिटी बजाती स्टेशन पर रुकेगी
रिक्शों की आवाजाही से
सुबह टहलने वालों की गतिविधि से टूटेगा सन्नाटा सड़क का ।

-वृन्दावन ,आजाद नगर ,
मधेपुरा ,बिहार




कोसी क्षेत्र

कोसी क्षेत्र का संक्षिप्त इतिहास

रामायण काल में ॠष्य शृंग आश्रम, महाभारत काल में चम्पारण्य (चम्पा राजा का अरण्य भाग) तथा बुद्ध काल में अंग महाजनपद का उत्तरी भाग अंगुत्तराप के नाम से चर्चित क्षेत्र वर्तमान काल में कोसी अंचल है। कोसी इस अंचल की सांस्कृतिक पह्चान है। यहां के लोग जुझारु है तथा अन्याय का प्रतिरोध करते आये है। भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन में ब्रितिश सरकार द्वारा किये गये दमन के फ़लस्वरुप सम्पूर्ण बिहार में 134 व्यक्ति शहीद हो गये – जिनमें नौ शहीद कोसी अंचल के है –

1 शहीद बच्चा मंडल – पिता – जागो मंडल, डपरखा, जिला – सुपौल
2 शहीद चुल्हाई यादव, पिता – फ़ूलचन्द यादव, मनहरा सुखासन, जिला – मधेपुरा
3 शहीद धीरो राय, पिता – गुदड़ राय, एकाड़, जिला – सहरसा
4 शहीद बाजा साह, पिता – बहारी साह, किसुनगंज, जिला – मधेपुरा
5 शहीद पुलकित कामत, पिता – ठीठर कामत, बनगांव, जिला – सहरसा
6 शहीद हरिकान्त झा, पिता – जनार्दन झा, बनगांव, जिला- सहरसा
7 शहीद कालेश्वर मंडल, पिता – रामी मंडल, गढिया बलहा ( सहरसा )
8 शहीद भोला ठाकुर, पिता – बबुआ ठाकुर, चेनपुर (सहरसा )
9 शहीद केदारनाथ तिवारी, पिता –विश्वनाथ तेवारी, नरियार (सहरसा )

- कलम, आज उनकी जय बोल !

मंगलवार

अरविन्द श्रीवास्तव प्रस्तुत करते हैं -

मधेपुरा का संक्षिप्त इतिहास और

साहित्यिक गतिविधिओं का लेखा जोखा -

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